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न्यायशास्त्र में कानून के स्रोत से आप क्या समझते हैं? एंव इनके प्रकारों का वर्णन

इस आलेख में  न्यायशास्त्र के तहत  कानून   के   मुख्य   स्रोत क्या है? इनकी उत्पत्ति कैसे एंव किस तरह हुई तथा कानून में इनकी क्या उपयोगिता है, के बारें में बताया गया है परिचय :  कानून   के   स्रोत कानूनी प्रणालियों की जटिल टेपेस्ट्री में , कानून के स्रोत समाज को नियंत्रित करने वाले नियमों और सिद्धांतों को आकार देने और परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क़ानून से लेकर संविधान तक , सामान्य कानून से लेकर समानता तक , कानूनी मानदंडों की विविध उत्पत्ति एक गतिशील रूपरेखा बनाती है। इस आलेख में , हम न्यायशास्त्र के क्षेत्रों के माध्यम से एक यात्रा शुरू करते हैं , कानून के विभिन्न स्रोतों को उजागर करते हैं जो हमारी कानूनी प्रणालियों को रेखांकित करते हैं। न्यायशास्त्र   में   कानून   के   मुख्य   स्रोत   क्या   हैं ? 1- विधान ( वैधानिक कानून ) प्रत्येक कानूनी प्रणाली के केंद्र में कानून होता है , विधायिका द्वारा अधिनियमित लिखित कानून। वैधानिक कानून में असंख्य नियम और विनियम शामिल है