कम्प्यूटर के घटक क्या है और उनके कार्य | Component Of Computer in Hindi

नमस्कार दोस्तों, इस आलेख में कम्प्यूटर के घटक कितने प्रकार के होते है तथा कम्प्यूटर किन किन तत्वों से मिलकर बना होता है का उल्लेख किया गया है |

परिचय – कम्प्यूटर के घटक

वास्तव मै कम्प्यूटर एक सिस्टम है जो विभिन्न प्रकार के घटकों (Component) से मिलकर बना होता है और ये सभी घटक आपस मै मिलकर किसी विशेष कार्य को पूरा करते है जिन्हें हम कम्प्यूटर के घटक (Component of Computer) कहते है|

साधारण शब्दों मै बिना घटक के कम्प्यूटर होता ही नहीं है अथवा किसी घटक के अभाव मै कम्प्यूटर कोई भी कार्य करने मै असमर्थ होता है| कम्प्यूटर के घटक ही है जो कम्प्यूटर को कार्य करने की स्थिति मै लाते है जिसके कारण यूजर आसानी एंव सुविधा अनुसार कम्प्यूटर पर कार्य करता है|

कम्प्यूटर के घटक

कम्प्यूटर के घटक मुख्यतः तीन प्रकार के होते है

1- हार्डवेयर

2- सोफ्टवेयर

3- डाटा

(1) हार्डवेयर –

एक सामान्य शब्द है, कम्प्यूटर मशीन के वे सभी भाग (Parts) जिन्हें हम छू कर महसूस कर सकते है एंव साथ मै देख भी सकते है, हार्डवेयर कहलाते है| जैसे की-बोर्ड, माउस, माँनीटर, सीपीयू, प्रिंटर, हार्ड डिस्क ड्राइव, मदरबोर्ड, प्रोसेसर, सपीकर, केबल, स्विच आदि|

विद्युत तथा इलेक्ट्रोनिक उपकरण कम्प्यूटर हार्डवेयर के नाम से जाने जाते है| बिना किसी हार्डवेयर उपकरण के हमारे द्वारा कम्प्यूटर पर कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है| हार्डवेयर को हम कम्प्यूटर के शरीर के रूप मै देख सकते है| कम्प्यूटर के घटक मै हार्डवेयर का महत्वपूर्ण स्थान है|

सुविधा के लिए हार्डवेयर के प्रकार –

इनपुट (Input)

ट्रेकबाल, टच पैड, माइक्रोफ़ोन, की-बोर्ड, सेंसर, स्केनर, वेब कैमरा

आउटपुट (Output)

मोनिटर, प्रिंटर, हैडफोन, स्पीकर, टच स्क्रीन आदि

प्रोसेसिंग (Processing)

मदरबोर्ड, प्रोसेसर (सीपीयू), मेमोरी

स्टोरेज (Storage)

हार्ड डिस्क ड्राइव

(2) सोफ्टवेयर –

एक यूजर कम्प्यूटर की मदद से अनेक प्रकार के कार्यों को पूरा करता है और यह सभी कार्य सोफ्टवेयर के कारण होते है जो किसी विशेष प्रोग्रामिंग भाषा मै लिखे होते है| एक निश्चित कार्य को पूरा करने के लिए निर्देशों, अनुदेशों और प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर को बताता है की उसे क्या, कब और केसे करना है, सोफ्टवेयर प्रोग्राम कहलाते है|

साधारण शब्दों मै प्रोग्रामों के समूह को भी सोफ्टवेयर कहते है क्योंकि सोफ्टवेयर एक से अधिक प्रोग्राम से मिलकर बना होता है|

सोफ्टवेयर को हम छू नहीं सकते और ना ही भौतिक रूप से देख सकते है बल्कि इसे केवल महसूस किया जा सकता है| कम्प्यूटर का हार्डवेयर भी सोफ्टवेयर के आदेशों के अनुसार ही कार्य करता है|

एक ही हार्डवेयर अलग अलग सोफ्टवेयर निर्देशों के आधार पर अलग अलग कार्य कर सकता है|  इस प्रकार हार्डवेयर यदि कम्प्यूटर का शारीर है तो सोफ्टवेयर उसकी आत्मा है|

सोफ्टवेयर दो प्रकार के होते है –

(i) सिस्टम सोफ्टवेयर –

एक ऐसा सोफ्टवेयर है जिसमे एक से अधिक प्रोग्राम होते है जो यूजर (उपयोगकर्ता) से सूचना का आदान प्रदान करता है तथा एप्लीकेशन सोफ्टवेयर के साथ मिलकर कार्य करता है सिस्टम सोफ्टवेयर कहलाता है| यह सोफ्टवेयर कम्प्यूटर के आंतरिक संसाधनों का प्रबंधन करता है|

सिस्टम सोफ्टवेयर के निम्न घटक है –

<> ऑपरेटिंग सिस्टम – ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर हार्डवेयर और सोफ्टवेयर उपकरणों का प्रबंधन करता है तथा साथ ही कम्प्यूटर यूजर के मध्य इंटरफेंस (Interface) प्रदान करता है|

<> यूटिलिटीज (Utilities) – ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप मै यूटिलिटीज का कार्य अवांछनीय फाइल (Undesirable File) को हटाने तथा डिस्क के संसाधनों को सही तरीके से उपयोग मै लेने के लिए किया जाता है|

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<> डिवाइस ड्राइवर (Device Drivers) – ये विशेष प्रोग्राम होते है जो input Output डिवाइस को बाकि कम्प्यूटर के साथ जोड़ते है|

<> सर्वर (Servers) – कम्प्यूटर पर एक या एक से अधिक यूजर द्वारा कार्य करने पर उन कार्यों को पूरा करवाने के लिए सर्वर द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामों को रन कराया जाता है|

(ii) एप्लीकेशन सोफ्टवेयर –

ऐसे सॉफ्टवेयर जो विशेष रूप से यूजर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किये जाते है एप्लीकेशन सोफ्टवेयर कहलाते है| एप्लीकेशन सोफ्टवेयर के उपयोग से यूजर सन्देश भेज सकता है, दस्तावेज तैयार करना, स्प्रेडशीट बनाना, ऑनलाइन शोपिंग आदि कार्यों को कर सकता है|

उदाहरण के लिए कोई यूजर वर्ड (MS Word) मै फाइल बनाता है तब उसे फॉण्ट, फॉण्ट साइज़, लाइन स्पेस, फॉण्ट कलर, बॉर्डर मार्जिन आदि पहले से तैयार मिलते है जिसमें यूजर अपने उपयोग अनुसार बदलाव कर सकता है|

उपयोगी जानकारी – एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयरों का ऐसा समूह है जो सम्बंधित फंक्शन के लिए बना होता है सोफ्टवेयर सूट कहलाता है| उदाहरण के लिए office Software Suites मै वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, डाटाबेस, आदि होते है|

(3) डाटा –

कम्प्यूटर के घटक मै डाटा का उपयोग यूजर कम्प्यूटर दोनों के लिए है| डाटा तथ्यों एंव सूचनाओं का अव्यवस्थित संकलन है | डाटा को दो भागों मै विभाजित किया गया है|

(i) संख्यात्मक डाटा –

यह अंको से बना डाटा है जिसमे 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 तक अंको का प्रयोग किया जाता है| जैसे छात्रों के परिणाम (प्राप्तांक), कर्मचारियों के वेतन की गणना, व्यवसाय के लेन-देन की गणना आदि

(ii) चिन्हात्मक डाटा –

इसमें अक्षरों, अंकों तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है| इसमें अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है| जैसे कर्मचारियों का पता, विधालय मै छात्रों की जानकारी आदि|

कम्प्यूटर के कुछ महत्वपूर्ण शब्द

सूचना (Information) – डाटा की उपयोगिता के आधार पर किये गये विश्लेषण और संकलन के बाद प्राप्त तथ्यों को सूचना कहते है| इस प्रकार डाटा अव्यवस्थित तथ्य है जबकि सूचना व्यवस्थित डाटा है जो प्रयोग करने वालों के लिए उपयोगी होता है|

सूचना प्राप्ति (Information Received) – आवश्यकतानुसार सूचना को पुनः प्राप्त करने की विधि सूचना प्राप्ति कहलाता है|

डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing) – डाटा का उपयोगिता के आधार पर किया जाने वाला विश्लेषण डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है|

उदाहरण – तथ्यों का संकलन डाटा डाटा प्रोसेसिंग सूचना

इलेक्ट्रोनिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Processing) – इलेक्ट्रोनिक विधि से डाटा का विश्लेषण इलेक्ट्रोनिक डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है|

अनुदेश (Instruction) – कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दिए गए आदेशों को अनुदेश कहा जाता है|

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